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कविता

एक बच्चे का प्रोजेक्ट

राकेश रंजन


बच्चे ने प्रदूषण पर
तसवीर बनाई थी
तसवीर के बीचोंबीच एक घर
उसके आगे एक रास्ता
जो जाता था पहाड़ की ओर
पहाड़ पर जंगल थे
वहाँ से निकलकर
एक नदी जाती थी मैदान तरफ

मैदान में एक बच्चा खेल रहा था
एक गाय चर रही थी
एक चिड़िया चुग रही थी

कारखाना कहाँ है
मैंने पूछा - इस तसवीर में कहाँ है कारखाना

कारखाने से कालिख निकलेगी
तो सारी तसवीर
गंदी हो जाएगी
उसने कहा - कारखाने के शोर से बच्चा रोने लगेगा
गाय भाग जाएगी, चिड़िया उड़ जाएगी

बनाओ !
मैंने डपटकर कहा - प्रदूषण
और विनाश का संकट दरसाने को
तसवीर में कारखाना जरूरी है
बनाओ !

पर आपको आश्चर्य होगा, मित्रो
बच्चा मेरे आगे
ढीठ की तरह खड़ा था
और किसी भी हाल में
कारखाना नहीं बनाने के फैसले पर
अड़ा था

आपको आश्चर्य होगा
उसने मेरे हाथ से तसवीर छीन ली
और चला गया
मैं अवाक देखता रहा उसकी पीठ
पर जानता था यह बच्चा
कभी अपनी पीठ नहीं दिखाएगा
आज जिस हौसले से इसने
एक तसवीर बचाई है
कल पूरी दुनिया बचाएगा।

 


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